औरतें इसके पत्तों को कूट पीसकर हाथों पर लगाकर उन्हें रंगीले बनाती हैं। पुरुष सिर के सफेद बालों पर लगाकर उन्हें रंगीन बनाते हैं। मेंहदी के झाड़ीदार पौधे भारत के मैदानी क्षेत्रों में काफी पाये जाते हैं। इने पेड़ों पर हरी पत्तियां तथा जून से सितम्बर तक फूल आते रहते हैं । इसके फूल हरे सफेद गुच्छे की शक्ल में आते हैं । फल गोल, कई बीजों वाले सितम्बर- अक्टूबर में आ जाते हैं ।
लाभ तथा उपचार
सुहाग की निशानी तथा हर शुभ अवसर पर मेंहदी का लगाना जरूरी समझा जाता है । मेंहदी भारतीय समाज का एक महत्त्वपूर्ण अंग है ।
रोग उपचार में भी मेंहदी का बहुत योगदान है । यह कफनाशक है। जिन लोगों के शरीर में गर्मी अधिक बढ़ गई हो उन्हें मेंहदी का रस मिश्री में घोलकर देना चाहिये। जिन लोगों को गर्मी के कारण सिर दर्द रहता तो उन्हें सिर पर मेंहदी को बारीक पीसकर पानी में भिगोकर लेप की भांति बालों पर लगाना चाहिए । लगाने के आधे घंटे बाद उसे धो देना चाहिए ।
जिन लोगों के बाल आयु के पहले ही सफेद होने शुरू हो गये हों उन्हें मेंहदी का पाउडर पानी में भिगोकर लगाना चाहिए । बाल झड़ने लगे हों तो मेंहदी का पाउडर में आंवले का पाउडर मिलाकर लगाने से बालों का झड़ना रुक जाता है तथा बाल काले तथा मजबूत हो जाते हैं ।